कुमाऊं पोस्ट न्यूज, चम्पावत : छीड़ापानी स्थित प्रायोगिक मत्स्य प्रक्षेत्र में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय के 33 वें स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान वैज्ञानिकों व विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों ने मत्स्यपालन को बढ़ावा दिए जाने का संकल्प लिया।
केन्द्र के प्रभारी किशोर कुणाल ने बताया कि मात्स्यिकी के क्षेत्र में संस्थान द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। पर्यावरण और तापमान के अनुकूल मछलियों की प्रजातियां यहां पर सुरक्षित रहें, इस पर जोर दिया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पीजी कॉलेज चम्पावत के प्राध्यापक डॉ.विवेक कुमार ने मत्स्य की प्रजातियों व उसकी सुरक्षा पर प्रकाश डालते हुए संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा। संस्थान के निदेशक डॉ.देवाजीत शर्मा ने संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थान के संवद्र्धन और मत्स्य की तमाम प्रजातियों के रखरखाव, उनके अनुकूल वातावरण आदि के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि संस्थान में रेनबो ट्राउट प्रजाति की मछली को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा शोध संस्थान में कार्प, एक्वेरियम फिस, ग्राक कार्प आदि प्रजातियां मौजूद हैं। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद कर्मचारियों को स्थापना दिवस की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए संस्थान के कार्यों को इसी तरह बढ़ावा देने को कहा।