चम्पावत : नई शिक्षा नीति-2020 को लेकर विद्या मंदिर चम्पावत में ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें नई शिक्षा नीति को विद्यार्थियों के हित में बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि इससे उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को सुलभता मिलेगी।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता विद्या भारती नई शिक्षा नीति 2020 के प्रांत संयोजक मनोज रयाल रहे। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि यह शिक्षा नीति देश के युवाओं को सकारात्मक बदलाव और उनके हितों का अहसास कराने वाली है। इससे उच्च शिक्षा में पढ़ाई को लेकर युवाओं में और अधिक रुचि आएगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित ने नई शिक्षा नीति में 5 3 3 4 डिजाइन वाले शैक्षणिक संरचना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ पहले पांच वर्ष की फाउंडेशन स्टेज पर भी चर्चा की। विशिष्ट अतिथि जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय शुैला ने कहा कि शिक्षा नीति में हुए सुधार से शैक्षणिक क्रियाकलाप के साथ ही व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी और अधिक बेहतर कर सकते हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ.बीसी जोशी ने 1986 की शिक्षा नीति और 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए नई शिक्षा नीति 2020 को और अधिक प्रभावी व राष्ट्रहित में बताया। प्रबंध समिति के प्रबंधक अमरनाथ वर्मा ने कक्षा 6 से ही शैक्षिक पाठ्यक्रम में व्यवसायी शिक्षा को शामिल करना एक क्रांतिकारी व सकारात्मक कदम बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. डीडी जोशी ने नई शिक्षा नीति में किए गए बदलाव को जरूरी बताते हुए सराहा। कहा कि सरकार के इस कदम से भविष्य में उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों की और अधिक वृद्धि होगी और जो विद्यार्थी किसी कारण अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते थे उन्हें सहूलियत मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन संयोजक प्रधानाचार्य डॉ.मदन पाल ने किया। उन्होंने बताया कि विद्या भारती के द्वारा पूरे भारतवर्ष में 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ऑनलाइन नई शिक्षा नीति के प्रचार-प्रसार हेतु ऑनलाइन प्रतियोगिता संपन्न कराई जा रही है। जिसमें उन्होंने अधिक से अधिक विद्यार्थियों, अभिभावकों व विद्वतजनों से प्रतिभाग करने का अनुरोध किया। ऑनलाइन शिक्षा नीति कार्यक्रम में चंद्रशेखर जोशी, ललित सेठी, भुवन पांडेय, किरन तड़ागी, कविता पचौली, स्नेहलता जोशी, राकेश अधिकारी, रमेश मौनी, श्यामश्रवा आर्य, नवीन पंत, आदित्य अवस्थी, निर्मल चौधरी, हीरा बल्लभ उप्रेती आदि शिक्षक शामिल रहे।