चम्पावत : समाज में आज भी ईमानदारी जिंदा है। रुपयों से भरे पर्स को उसके असल स्वामी को लौटाकर जीआईसी चौक में होटल चलाने वाले व्यापारी व पूर्व सैनिक ने मिशाल पेश की है।
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दरअसल, कल 19 सितंबर शनिवार को जीआईसी चौक में रहने वाले पूर्व सैनिक जगदीश पुनेठा जीआईसी की ओर से आ रहे थे और उन्होंने देखा कि होटल व्यवसायी गणेश महर की दुकान के आगे एक पर्स गिरा है और साइकिल चला रहे कुछ बच्चों की नजर भी उस पर पड़ी। इससे पहले कि बच्चे पर्स ले जाते जगदीश पुनेठा उस पर्स को सीधे गणेश सिंह की दुकान में ले गए और व्यापारी को उस पर्स की जानकारी दी। जैसे ही पर्स खोला तो वहां मौजूद लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई। उसमें 18 हजार रुपये थे। पर्स में अन्य कागजात ढूंढने की कोशिश की तो उसमें एक व्यक्ति की फोटो थी। पर्स में एक रिलायंस कंपनी का हेल्थ कार्ड था, जिसमें गणेश सिंह नाम लिखा था, अन्य कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं थी। इस पर होटल व्यवसायी ने जगदीश पुनेठा से कहा कि वह उस पर्स को उसके असल स्वामी तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करेंगे।
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देर रात सोशल मीडिया में वह जानकारी शेयर की। रात में ही कई अन्य लोगों के साथ ही पर्स के असल स्वामी का भी फोन आया। व्यापारी गणेश सिंह ने उस व्यक्ति से रविवार को दुकान में आकर पहचान बताकर पर्स ले जाने को कहा। व्यापारी गणेश सिंह ने बताया कि 18 हजार रुपयों को संभाल कर रखना किसी जिम्मेदारी से कम नहीं था। पर्स व पैसे उन्होंने अपनी दुकान पर ही रखे थे और टेंशन के चलते उन्हें रातभर नींद भी नहीं आई। रविवार के चलते वैसे तो वह दुकान बंद रखते हैं, लेकिन आज वह सुबह ही दुकान पर गए और सबसे पहले पर्स देखा कि वह सुरक्षित है या नहीं। पर्स सुरक्षित पाकर गणेश सिंह को संतुष्टि मिली और वह उस व्यक्ति का इंतजार करने लगे।
वह पर्स लोहाघाट निवासी व चम्पावत के भैरवां तिराहे में होटल चलाने वाले गणेश माहरा का था। उन्होंने बताया कि वह कल जीआईसी की ओर किसी व्यक्ति को छोडऩे आए थे। जब वह अक्कलधारे के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनका पर्स गायब है। जिसके बाद वह खासे चिंतित हो गए। रात में सोशल मीडिया से जब उन्हें पर्स की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत जीआईसी चौक के होटल व्यवसायी गणेश सिंह को फोन किया और जब उन्हें जानकारी मिली कि उनका पर्स सुरक्षित है तो उन्होंने राहत की सांस ली। रविवार सुबह पर्स के असल स्वामी गणेश माहरा बाजार के व्यवसायी आनंद अधिकारी के साथ जीआईसी चौक पहुंचे। पर्स में मिली फोटो उन्हीं की थी तो पहचान में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई और उन्हें उनके रुपयों सहित पर्स लौटा दिया गया। जिस पर पर्स के स्वामी ने पर्स सुरक्षित रखने के लिए सभी का धन्यवाद दिया।
पूर्व सैनिक जगदीश पुनेठा व व्यापारी गणेश सिंह की ईमानदारी की तमाम लोगों द्वारा प्रशंसा की जा रही है।