आईएएस मंगेश घिल्डियाल।

कुमाऊं पोस्‍ट न्‍यूज, चम्‍पावत : 2011 बैच के ईमानदार आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पीएमओ में तैनाती हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद प्रदेश के लोगों में खुशी है। अपनी कर्तव्यनिष्ठा और बेदाग छवि के लिए घिल्डियाल को जाना जाता है। केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जे श्रीनिवासन की ओर से जारी एक पत्र में मंगेश घिल्डियाल को चार वर्षों के लिए केन्द्र में अनुसचिव बनाया गया है। अभी वह टिहरी गढवाल के जिलाधिकारी हैं।

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आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल को ईमानदारी का यह इनाम मिला है। वह अपनी साफ छवि के लिए लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। जब वह बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी रहे थे तो तब स्थानीय लोगों ने उनका तबादला होने पर आंदोलन तक किया था। कुछ महिलाएं व लोग को रो भी गए थे कि उनका वहां से स्थानांतरण हो रहा है। सोचिए, जिस अधिकारी के तबादले पर लोग निराश हों और आंदोलन करें, उस अधिकारी की छवि कितनी स्वच्छ और प्रभावी होगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रदेशों में बेहतर और अच्छा कार्य करने वाले ईमानदार आईएएस अधिकारियों की तैनाती पीएमओ में की जाती है।

जब भेष बदलकर पहुंचे केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं का जायजा लेने
जब मंगेश घिल्डियाल 2019 में रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी थे तो वह भेष बदलकर व्यवस्थाओं का जायजा लेने निकल पड़े। जून 2019 में वह कुर्ता-पायजामा पहने, पीठ पर बैग टांगते हुए आम यात्री बनकर व्यवस्थाओं का जायजा लेने निकल पड़े। दो दिन तक वह मंदिर में ही रहे और उन्हें वहां व्यवस्थाओं में भारी कमी मिली। जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।
देश के टॉप 50 आईएएस अधिकारियों की सूची में शामिल
लगन व निष्ठा के साथ समर्पण की भावना से कार्य करने वाले आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल इसी वर्ष देश के टॉप 50 आईएएस अधिकारियों की सूची में भी शामिल रहे हैं। देश की प्रतिष्ठित पत्रिका फेम इंडिया के एशिया पोस्ट सर्वे के आधार पर सर्वोत्कृष्ट कार्यों के लिए देश के 50 आईएएस अधिकारियों को चुना गया था। जिसमें अपने कार्यों को निष्ठा व ईमानदारी के साथ करने वाले और कठिन परिस्थितियों में भी काम करने का माद्दा रखने वाले मंगेश घिल्डियाल भी शामिल थे। अपनी ईमानदार छवि, कार्यशैली की वजह से वह लोगों में खासे लोकप्रिय हैं।

—- आइये जानते हैं कौन हैं मंगेश घिल्डियाल —-

– मंगेश घिल्डियाल का जन्म पौड़ी जिले के टांडिया गांव में हुआ था।
– उनके पिता हेडमास्टर थे। आठवीं तक की पढ़ाई अपने गांव में ही की। इसके बाद वह रामनगर चले गए और वहीं पर नौवीं से लेकर स्नातक कर पढ़ाई की।
– इसके बाद एमएससी की पढ़ाई के दौरान उनके ऊपर काफी जिम्मेदारियां आ गई। उनके साथ उनके दो और भाई व बहिन भी पढ़ाई कर रही थीं तो आर्थिक रूप से परेशानी आने लगी। उन्होंने पढ़ाई के साथ गेट की परीक्षा दी और उसमें चयन हो गया। इसके बाद उन्होंने इंदौर से पढ़ाई के साथ ही एमटेक भी किया। एमटेक करते ही उन्हें 2006 मेंं लेजर टेक्नीक पर रिसर्च के लिए उन्हें वैज्ञानिक के रूप में नौकरी भी मिल गई।
– वैज्ञानिक पद पर चयन हो जाने के बाद उनकी पहली तैनाती देहरादून स्थित आईआईआरडी लैबोरेट्री में हुई। इस दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी भी की।
– उन्होंने खुद ही पढ़ाई की और पहली बार में 131 वीं रैंक के साथ उनका आईपीएस में सेलेक्शन हो गया।
– सेलेक्शन के बाद वह प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद चले गए। लेकिन वह फिर भी सिविल परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे और वर्ष 2011 में उन्होंने दुबारा सिविल सेवा की परीक्षा दी और देशभर में चौथा स्थान प्राप्त किया।
– उनकी रैंक के अनुसार उनका चयन भारतीय विदेश सेवा यानी इंडियन फॉरेन सर्विसेज (आईएफएस) के लिए हुआ। लेकिन उन्होंने अपना कैडर उत्तराखंड चुना और आईएएस की नौकरी करने का फैसला लिया। उनकी पहली तैनाती चमोली जिले में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर हुई।
– इसके बाद वह बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी बने। वर्तमान में वह टिहरी जनपद जिले के जिलाधिकारी हैं। वह अपनी ईमानदारी और साफ छवि के लिए जाने जाते हैं। लोगों से सीधा संवाद उनकी पसंद है। ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान वह लोगों से सीधे जुड़ जाते हैं और उनकी परेशानियों को सुनते हैं और हाथों-हाथ निस्तारण भी करते हैं।
– भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को लेकर वह हमेशा बहुत आहत रहते हैं। बताते हैं कि जब वह बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी थे तो भ्रष्टाचार पर नकेल को लेकर उन्होंने कड़े कदम उठाए थे। भ्रष्टाचारी अधिकारी और नेता उनसे खौफ खाते थे। बताते हैं कि इसी वजह से उन्हें टिकने नहीं दिया गया और नेताओं ने उनका तबादला करा दिया।

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