चम्पावत : नगर पालिका के रैन बसेरे में क्वारंटाइन में रह रहे मजदूर भूखे हैं। उन्हें पिछले 24 घंटे से खाना नहीं मिल पाया है। जिस पर मजदूरों ने आक्रोश जताया है। मजदूरों ने बताया कि प्रशासन ने उनसे कहा है वह भोजन की व्यवस्था वह खुद करें।
चम्पावत के नगर पालिका के रैन बसेरे में क्वारंटाइन में रह रहे मजदूर 31 अगस्त और कुछ मजदूर कल बुधवार को बिहार और लखीमपुर खीरी से आए थे। प्रशासन ने कोरोना नियमों के तहत राज्य के बाहर से आए मजदूरों को संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया। मजदूर बाबू राव, परशुराम, हीरो साहनी आदि ने बताया कि उन्हें कल शाम खाना मिला था और उसके बाद से वह भूखे हैं। उनका कहना है कि 24 घंटे से उन्हें खाना नहीं मिल पाया है। मजदूर ने बताया कि उन्हें बुधवार शाम को प्रशासन की ओर से खाना दिया गया था, लेकिन उसके बाद से उन्हें भोजन नहीं मिला है। वह गुरुवार सुबह से भूखे हैं। मजदूरों ने प्रशासन से उन्हें वहां से जीआईसी स्कूल में क्वारंटाइन करने के साथ ही चूल्हे की व्यवस्था बनाने की मांग की है। कहा कि चूल्हा उपलब्ध हो तो वह भोजन भी स्वयं बना लेंगे।

तहसीलदार प्रियंका रानी से इस मामले में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कल जो 8-10 मजदूर आए थे, उनसे उनके ठेकेदार के बारे में पूछा गया। जिस पर मजदूरों का कहना था कि उन्हें कल यानी गुरुवार से ठेकेदार भोजन मुहैया कराएगा। तहसीलदार ने बताया कि ऐसे ही मजदूरों को आने दिया जा रहा है, जिनके ठेकेदार उनके भोजन, रहने आदि की व्यवस्था कर सकें। उन्होंने बताया कि हमारे पास फिलहाल ऐसा कोई मद नहीं है जिससे कि मजदूरों को भोजन आदि उपलब्ध कराया जा सके। पहले आए मजदूरों को जैैैैसे तैसे व्यवस्था करके भोजन मुहैया कराया जा रहा है। तहसीलदार ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सरकारी या अन्य निर्माण कार्य आदि में मजदूरी कार्य करने वाले मजदूरों के भोजन आदि की व्यवस्था ठेकेदार के द्वारा ही की जाएगी। जिन मजदूरों की रहने व भोजन की व्यवस्था नहीं हो रही है, उन्हें वापस भेजा जा रहा है।

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