कुमाऊं पोस्ट, चम्पावत : जिला वन सरपंच संगठन ने सरपंचों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर प्रशासन और पुलिस से तुरंत एक्शन लिए जाने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि एक तो वह नि:स्वार्थ भाव से जंगलों की सुरक्षा करते हैं। ऐसे में यदि जंगलों में कोई शरारती तत्व जंगलों को नुकसान पहुंचाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने जंगलों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के माध्यम से चौकीदारों की नियुक्ति किए जाने की भी मांग उठाई है।
तहसील पहुंचा शिष्टमंडल, सौंपा ज्ञापन
शनिवार को वन संरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष व खुनाड़ी धामीसौन के सरपंच दान सिंह कठायत की अगुवाई में सरपंचों का एक शिष्टमंडल तहसील पहुंचा। परगना अधिकारी के नाम लिखे ज्ञापन में सरपंचों का कहना था कि वह नि:स्वार्थ भाव से जंगलों की सेवा व देखभाल करते हैं। कहा कि वन पंचायतों की सुरक्षा के लिए चौकीदार नियुक्त न होने से वन संपदा और वन को नुकसान, अतिक्रमण हो रहा है। जिस कारण पूरी जिम्मेदारी वन पंचायत सरपंचों के ऊपर आती है। अवैध कटान और जंगलों को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों की फोटो देने के अलावा प्रशासन को और सबूत देने का साधन नहीं है, यदि उनके हथियार आदि जब्त किए जाते हैं तो वह सरपंचों के साथ दुव्र्यवहार करते हैं। जिस कारण पंचायती चालान काटने पर सरपंचों को राजस्व की वसूली करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सरपंच जंगल की सुरक्षा करने में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जिससे उनका मनोबल गिर रहा है। एसडीएम से मुलाकात उन्होंने समस्याओं से अवगत कराया। एसडीएम से भरोसा दिलाया कि प्रशासन वन पंचायतों की सुरक्षा के लिए पूरा सहयोग करेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में चम्पावत ब्लाक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी, सिप्टी सरपंच श्याम सिंह महर, मुडिय़ानी सरपंच ललित सिंह महर, चैकुनीबोरा सरपंच नारायण सिंह बोहरा, बस्तिया सरपंच डिकर देव भट्ट, डिंगडई सरपंच डिकरी देवी, धौन सरपंंच पुष्पा देवी, पत्थरमौन सरपंंच नीला देवी, अमौन सरपंच महा सिंह, पुनेठी सरपंच किशोर बिष्ट आदि शामिल रहे।
वन पंचायत सरपंचों ने यह उठाई है मांग
1. सरपंचों ने मांग उठाई कि अवैध कटान व जंगलों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों का चालान, वसूली करने का प्रावधान तय किया जाए। जिससे ऐसे व्यक्तियों पर अंकुश लग सके और वन सुरक्षित रहें।
2. वन पंचायतों के अंतर्गत आने वाले वनों की सुरक्षा के लिए चौकीदार नियुक्त किया जाए।
3. जंगलों में हरे-भरे वृक्षों का अवैध पातन, अतिक्रमण, कटान करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस, राजस्व विभाग, वन विभाग द्वारा कार्रवाई की जाए औ कार्यवाही में सरपंचों को विभागों का सहयोग मिले।
4. जंगल में ड्यूटी करते समय अवैध पातन, अतिक्रमण, खनन, कटान करने वाले शरारती तत्वों द्वारा सरपंचों के साथ दुव्र्यवहार किए जाने पर प्रशासन द्वारा तुरंत कार्यवाही की जाए। जिससे सरपंच निर्भीक होकर घने जंगलों की सुरक्षा कर सकें और आने वाली पीढ़ी के लिए जल, जंगल, पर्यावरण की सुरक्षाा की जा सके।