गौरव पांडेय, कुमाऊं पोस्ट, चम्पावत : जिला मुख्यालय से लगभग 6 किमी दूर नघान / ललुवापानी गांव में चार कोरोना मरीजों के पाए जाने के बाद चिकित्सा विभाग की टीम गुरुवार को गांव में कोरोना सैंपलिंग के लिए पहुंची। जहां कोरोना टेस्टिंग को लेकर ग्रामीणों में रूचि देखने को नहीं मिली और मात्र 15 लोगों ने ही कोरोना सैंपल दिए। ग्रामीणों द्वारा सैंपलिंग को लेकर रूचि न दिखाए जाने पर प्रशासन अब सख्त रुख अख्तियार करने पर विचार कर रहा है। प्रशासन ग्रामीणों को 29 अगस्त को एक मौका और देगा, यदि इस दौरान भी ग्रामीणों ने सैंपलिंग में रूचि नहीं दिखाई तो ग्राम पंचायत को माइक्रो कटेंनमेंट जोन घोषित कर गांव में पाबंदियां लगाई जाएंगी।
दरअसल, गुरुवार को डॉ. मनीष बिष्ट की अगुवाई में चिकित्सा टीम नघान ग्राम पंचायत में कोरोना टेस्टिंग के लिए गई। लेकिन इस दौरान मात्र 15 ग्रामीणों ने ही कोरोना टेस्ट कराया। उनमें भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और संक्रमित परिवार से जुड़े लोगों के सदस्य शामिल रहे। दिनभर चिकित्सा टीम ग्रामीणों का इंतजार करती रही, लेकिन मात्र 15 ग्रामीणों ने ही पूरे दिनभर में टेस्ट कराया। ऐसी स्थिति में अब प्रशासन सख्ती के मूड में है। गांव में 4 कोरोना पाजीटिव मिलने के बाद भी अन्य ग्रामीणों द्वारा कोरोना टेस्ट न कराए जाने पर प्रशासन अब गांव को माइक्रो कटेंनमेंट जोन बनाने पर विचार कर रहा है। पर उससे पहले प्रशासन गांव वालों को एक मौका और देना चाहता है। गांव में 29 अगस्त को पंचायत घर में ही कोरोना टेस्टिंग की तिथि निर्धारित की गई है। तहसीलदार प्रियंका रानी का कहना है कि यदि 29 अगस्त को भी ग्रामीण कोरोना जांच में रूचि नहीं दिखाते हैं तो गांव को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर गांव में पाबंदियां लगाए जाने पर विचार किया जा सकता है। यदि गांव माइक्रो कटेंनमेंट जोन घोषित होता है तो ग्रामीण बिना पूर्व सूचना के घरों से बाहर नहीं निकल सकते। यदि किसी ग्रामीण ने नियमों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

 बाजार और जंगल की ओर निकल लिए ग्रामीण
चम्पावत : ग्रामीणों के इस रवैये पर राजस्व उपनिरीक्षक की ओर से तहसीलदार को पत्र लिखा गया, जिसमें कहा गया है कि राजस्व और चिकित्सा विभाग की टीम पंचायत घर में ग्रामीणों का इंतजार करती रही, लेकिन सूचना के बावजूद ग्रामीण बाजार और जंगल की ओर निकल गए। बताया गया कि ग्राम प्रधान और आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा दो दिन पहले ही पूरे गांव में ग्रामीणों को कोरोना टेस्टिंग की जानकारी दे दी गई थी, लेकिन उसके बावजूद ग्रामीणों में टेस्टिंग को लेकर रूचि देखने को नहीं मिली। टेस्टिंग टीम के गांव के पहुंचने के बाद भी लोग इधर-उधर जा रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना हो सकती है।

गांव में हैं दो डेयरी, ग्रामीणों का होता है मिलना-जुलना
चम्पावत : नघान गांव पशुपालन के क्षेत्र में अव्वल भी है। यहां दो डेयरी हैं और अधिकतर परिवार यहां पशुपालन के काम से जुड़े हुए हैं। प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने आशंका जताई है कि डेयरी में सुबह के वक्त जब ग्रामीण दूध देने आते होंगे तो उनका मिलना-जुलना होता होगा। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को कोरोना होगा तो डेयरी के जरिए संक्रमण फैलने की संभावना जताई जा सकती है। बावजूद इसके ग्रामीण सैंपलिंग के लिए तैयार नहीं हैं। प्रशासन की ओर से एक और मौका देने के बाद ऐसे में अब देखना यह है कि 29 अगस्त को ग्रामीण सैंपलिंग में रूचि दिखाते हैं या नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here