कुमाऊं पोस्ट, चम्पावत :
जल जीवन मिशन की योजनाओं की निविदा समाप्त कर पंचायतों को कार्यदायी संस्था बनाने और मनरेगा में 200 दिन का रोजगार दिए जाने सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानों ने सोमवार को कलक्ट्रेट में एडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। उन्होंने मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
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ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज तड़ागी के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंचे प्रधानों का कहना था कि वह बीते 18 अगस्त से विकासखंडों में अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन और धरना दे रहे हैं। लेकिन की ओर से अभी तक उनके पक्ष में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं दिया है। प्रधानों ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत कार्य जब ग्राम सभा में ही किए जाने हैं तो उसकी निविदा कराने के बजाए ग्राम पंचायतों को ही कार्यदायी संस्था बनाया जाए। जिससे कि कार्य भी गुणवत्ता पूर्वक हो और मनरेगा के माध्यम से गांव के लोगों को रोजगार भी मिल सके। उन्होंने इस योजना में ठेकेदारी प्रथा का विरोध किया। मनरेगा के तहत एक कार्ड धारक को 100 दिन के बजाए 200 दिन का रोजगार देने की भी बात रखी और कहा कि जॉब कार्ड में मजदूरों को मनरेगा के तहत 201 रूपये मजदूरी से बढ़ाकर 501 रूपये की जाए। साथ ही सुरक्षा दीवारों पर लगी रोक को भी हटाने की मांग की। प्रधान संगठन पदाधिकारियों ने एडीएम त्रिलोक सिंह मर्तोलिया के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि यदि उनकी मांगों पर यथोचित कार्यवाई नहीं की गई तो वह पूरे प्रदेश में सामूहिक इस्तीफा, धरना-प्रदर्शन व इस्तीफे को बाध्य होंगे। ज्ञापन में ग्राम प्रधान संगठन चम्पावत ब्लाक अध्यक्ष सुंदर नेगी, पाटी ब्लाक अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट, बाराकोट ब्लाक अध्यक्ष राजेश अधिकारी, प्रधान सरिता अधिकारी, राकेश बोरा, आशा देवी, कमल बोहरा, निशा देवी आदि के हस्ताक्षर हैं।