कुमाऊं पोस्‍ट, चम्पावत : प्रदेश में कोरोना मामलों के सही आंकड़े जारी करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग लापरवाह नजर आ रहा है। जिससे लोग बेवजह दशहत और भय के माहौल में हैं।
वाकया कल का ही है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के राज्य कंट्रोल रूम ने कोरोना बुलेटिन जारी किया। जिसमें चम्पावत में 22 लोगों को कोरोना पाजीटिव दर्शाया गया था। कोरोना बुलेटिन जारी होने के बाद चम्पावत जिले में यह खबर आग की तरह फैल गई और लोग दहशत में आ गए। लोग जानना चाह रहे थे कि आखिर जिले में 22 मामले आए हैं तो वह हैं कहां के। लोग अपने चित-परिचितों, जानकारों व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से इसकी जानकारी लेने लगे। जिले में एक साथ 22 लोगों के कोरोना पाजीटिव आने की जानकारी पर प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पैर फूल गए और लोगों में हड़कंप मच गया। सोशल मीडिया में यही चर्चा रही कि आखिर इतने कोरोना मामले आए हैं तो वह हैं कहां के।

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सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी के मुताबिक राज्य कंट्रोल रूम द्वारा जो 22 कोरोना के मामले दर्शाए गए थे, उसमें 20 पुराने हैं। मंगलवार के केवल दो ही मामले हैं। जिसमें चम्पावत में एक व्यक्ति ट्रुनोट टेस्ट और एक व्यक्ति टनकपुर का है जो आरटीपीसीआर टेस्ट में पाजीटिव आया है। जबकि 20 की संख्या पिछले तीन-चार दिनों की है, जिसे देर में दर्ज किया गया।
चिकित्सा विभाग का राज्य कंट्रोल रूम डाटा को लेकर संवेदनशील नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में अन्य जिलों की कोरोना संख्या पर शक होना भी जायज है। संख्या की डाटा की इंट्री लेटलतीफी के साथ दर्ज हुई और एक साथ 22 लोगों को पाजीटिव दर्शाया गया। जबकि पाजीटिव मामले केवल दो ही थे।
अब यहां प्रश्न यह है कि स्वास्थ्य विभाग पहले भी किसी जनपद के आंकड़ों के साथ ऐसा कर चुका है या फिर यह केवल चम्पावत के साथ हुआ। आखिर एंटीजन के मामले लंबे अंतराल के बाद क्यों जोड़े जा रहे हैं, रोज के रोज क्यों नहीं। ऐसे में कोरोना मामले न होने के बाद भी आंकड़ों के जरिए लोग बेवजह दशहत और भय में हैं। उम्मीद है चिकित्सा विभाग अपनी गलती को सुधार करते हुए आगे से ऐसी लापरवाही नहीं करेगा।

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