नैनीताल : आज दिनाँक 9/6/18 को समय लगभग 8 बजे भीषण सड़क हादसे में पप्पू कार्की में मौत हो गयी । बताया जा रहा है एक निजी वाहन खाँसयू गनियारो से हैड़ाखान मार्ग होते हुए हल्द्वानी को आ रहा था। वाहन में लोकगायक पप्पू कार्की एवं चार अन्य यात्रा कर रहे थे । हैड़ाखान मार्ग में वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया । जिसमें पप्पू कार्की समेत तीन लोगों की मौत हो गई । और दो अन्य घायल हो गए । घायलो को हल्द्वानी अस्पताल लाया जा रहा है ।
बचपन से ही संगीत के प्रति अपार रुचि रखने वाले पप्पू कार्की का जन्म पिथौरागड़ के 30 जून 1984 को हुआ था । शैलावन गांव में को अपने गुरु एवं पिता श्री कृष्ण सिंह कार्की का मार्गदर्श्न प्राप्त हुआ और वहीं से उनके मन में संगीत को अपना करियर बनाने की बात आई। उन्होंने अपने सफर की शुरुआत रामा कैसेट के साथ की जिसकी रिकॉर्डिंग दिल्ली में हुई, जिसमे उन्होंने न्योली गायी थी। 1989 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले पप्पू कार्की का शुरुआती जीवन बहुत कठिनाई भरा रहा, उन्होंने 6 साल दिल्ली में और कई जगह नौकरी करी और साथ-साथ संगीत के क्षेत्र में भी जुड़े रहे। 2010 में उनकी एल्बम “झम्म लागदी” आई जो बहुत हिट हुई और फिर उनके पास एक से बढ़कर एक मौके आते रहे।
पप्पू कार्की चाहते थे कि उत्तराखंड के युवा अपने जीवन में आगे बढ़ें और संगीत में आधुनिकता लाएं। उनका मानना था कि बदलाव से ही विकास होता है इसलिए पुरानी सभ्यता को आगे लेते हुए नई चीजों के प्रति भी अपनी दिलचस्पी बढ़ाए।
हादसे में पप्पू कार्की मौत के बाद से कुमाऊं भर में शौक की लहर दौड़ गयी है ।