चम्पावत। दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव के विरोध में जिले के सरकारी बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई। मंगलवार को जिले के 15 बैंकों की 43 शाखाओं में ताले लटके रहे। हड़ताल के चलते जिले भर की बैंकिंग सेवाएं बाधित रही। बैंकों में लटके तालों से उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानी हुई। वह बैंक में पहुंचने के बाद मायूस लौटने को मजबूर हुए। लीड बैंक प्रबंधक आनंद सिंह रावत ने बताया कि जिले भर के तमाम बैंकों के कर्मियों के हड़ताल में जाने से करीब 40 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।
बैंक कर्मियों ने एसबीआई की शाखा के समक्ष प्रदर्शन किया। कहा गया कि मुद्रा, जनधन, बीमा योजना सहित सरकार की विभिन्न योजनाओं की कामयाबी को बैंक कर्मी अपनी मेहनत से सुनिश्चित करते हैं। ऐसे में दो प्रतिशत की वेतन वृद्धि की पेशकश न केवल कर्मियों का अपमान है बल्कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए भी किसी तरह स्वीकार्य नहीं है। जबकि 2012 में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि की गई थी।
बैंक कर्मचारी नेता संतोष कुमार के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में एमसी तिवारी, मनोज तिवारी, अजय कुमार, ललित नैनवाल, देव सिंह, निर्मल भट्ट सहित तमाम बैंक कर्मी शामिल थें। हड़ताल में एसबीआई, पीएनबी, बॉब, ओबीसी, सीबीआई, यूबीआई, आईडीबीआई, यूको, कैनरा, विजया बैंक, इलाहाबाद बैंक, नैनीताल बैंक, सिंडिकेट बैंक की स्थानीय शाखाओं के कर्मी शामिल थें। एसबीआई की चंपावत शाखा के मुख्य प्रबंधक एनआर जौहरी ने बताया कि मुख्य प्रबंधक व विभागीय सुरक्षा गार्ड हड़ताल में शामिल नहीं थे।
तीन बैंकों की 17 शाखाएं हड़ताल में शामिल नहीं
वेतन वृद्धि को लेकर शुरू हुई हड़ताल में चंपावत जिले के तीन बैंक शामिल नहीं थे। पिथौरागढ़ जिला सहकारी बैंक, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक की कुल 17 शाखाएं हड़ताल में शामिल नहीं थी। अलबत्ता तीन सरकारी बैंकों में कामकाज सामान्य तौर पर चलता रहा। मगर यहां भी चेक निस्तारण सहित कुछ कामकाज बाधित हुआ