उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट में इंटरमीडिएट में इस वर्ष कुमाऊँ मण्डल के ऊधमसिंह नगर की दिव्यांशी राज ने टॉप किया है। आर0एल0एस चौहान इंटर कॉलेज की दिव्यांशी राज ने 98.40% अंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। दिव्यांशी ने बताया कि वो आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं। उन्होंने कहा की उसे अच्छे नंबर आने की उम्मीद तो थी, लेकिन स्टेट में टॉप कर जाएगी ये कभी नहीं सोचा था।
उधमसिंह नगर के असालतपुर टांडा, जसपुर निवासी दिव्यांशी राज के पिता सुरेंद्र कुमार स्योहारा चीनी मिल में लिपिक हैं। जबकि मां सरिता गृहणी हैं। दिव्यांशी ने कहा कि उसने रोजाना छह घंटे बिना किसी तनाव के पढ़ाई की। वो सुबह साढ़े तीन बजे उठ जाती थीं। स्कूल के अलावा वह तीन कोचिंग लेती थी। दिव्यांशी बताती हैं कि उनके घर वालों ने भी उसे काफी सपोर्ट किया। पढ़ाई के खातिर घर में टीवी तक नहीं लगवाया। दिव्यांशी ने भी सोशल मीडिया फेसबुक और व्हाट्सएप से दूरी बनाकर रखी।
24 किलोमीटर साइकिल चला रोजाना जाती थी स्कूल और कोचिंग क्लास
अपने गांव से स्कूल और कोचिंग आने जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करती थीं। दिव्यांशी ने बताया कि वे रोजाना करीब 24 किलोमीटर साइकिल चला स्कूल और कोचिंग क्लास अटेंड करने जाती थीं। दिव्यांशी ने कहा कि जितना मन हो उतना ही पढ़ो यही सफलता का मन्त्र है । दिव्यांशी के गांव में बिजली की समस्या रहती थी तो वह बैट्री से पढ़ाई करती थीं। दिव्यांशी ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है।
हाईस्कूल में खटीमा की काजल प्रजापति ने राज्य टॉप किया है।
हाईस्कूल में कुमाऊं मंडल के खटीमा के राणा प्रताप इंटर कॉलेज की हाइस्कूल की छात्रा काजल प्रजापति ने 98.40 प्रतिशक अंक लाकर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
खटीमा के मेलाघाट रोड पर रहने वाली काजल प्रजापति के पिता राजकुमार प्रजापति की खटीमा में वर्कशॉप है। उनकी माता गृहणी है। परिवार वालों को जैसे ही बेटी का प्रदेश टॉपर करने के बारे में पता चला तो उनकी आंखे ख़ुशी से छलक उठीं। काजल को भी अपने टॉप होने के बारे में लोगों से पता चला। काजल को जैसे ही टॉप करने के बारे में पता चला तो उसकी आंखे छलक उठीं और अपने माता पिता से लिपट कर रोने लगी। काजल ने बताया कि वह अभी आगे और मन लगाकर पढ़ाई करना चाहती है। उसके बाद ही वह अपने करियर के बारे में सोचेगी।
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पढ़ाई का था इतना जुनून की भोजन करना भूल जाती थी काजल
काजल के पिता की वर्कशॉप की दुकान है। पिता ने बताया कि उन्होंने अपनी हैसियत के अनुसार अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए हर सुख सुविधा उपलब्ध कराई थी । वहीं काजल की माता प्रीति प्रजापति रोते हुए बताती हैं कि उनकी बेटी काजल बोर्ड परीक्षा के दौरान पढ़ाई में इतना मग्न हो जाती थी कि उसे भोजन करना ही याद नहीं रहता था। कई बार पढ़ाई करने के दौरान उसे खुद याद नहीं रहता था कि उसने खाना खाया है कि नहीं। काजल भावनात्मक रूप से बताती है कि उसकी मां उसे यह बोल कर भोजन कराती थी कि तुमने भोजन नहीं किया है।
रोजाना 12 से 15 घंटे पढ़ाई करने वाली काजल ने बताया कि उसने नोट्स बनाकर और योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई की है। यही कारण है कि वह मेरिट लिस्ट में पहले स्थान पर सकी है। काजल ने बताया कि उसे यह उम्मीद थी कि वह अच्छे नंबर लाएगी लेकिन यह नहीं सोचा था कि वह स्टेट की मेरिट लिस्ट में टॉप करेगी।