साइकिल पर सवार होकर दुनिया को नापने निकले कुमाऊं मंडल में गरुण ब्लाक के रिठाड़ गांव निवासी प्रदीप राणा 93 दिनों की यात्रा के बाद रविवार देर शाम कोटद्वार पहुंचे. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने का सपना लिए प्रदीप ने आने वाले पांच माह तक 20 हजार किलोमीटर का सफर तय करने का लक्ष्य रखा है.
मूल रूप से रिठाड़ गांव के रहने वाले प्रदीप राणा देहरादून से आइटी प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे है. प्रदीप को साइकिल चलाने का बहुत शौक है और वे जब दसवीं कक्षा में थे तब से वह साइकिल चला रहे हैं. प्रदीप के परिवार की आर्थिक स्तिथि को देखते हुए उन्होंने एक कबाड़ की दूकान से साइकिल खरीदी. उसी की मरम्मत करवाने के बाद प्रदीप राणा ने अपने लिए यह लक्ष्य रखा. 2015 वर्ष में प्रदीप ने गांव से बागेश्वर व काठमांडू तक का सफर तय किया. जिसके बाद उनका हौंसला बढ़ गया. 2016-17 में देहरादून में आइटी प्रथम वर्ष में एडमिशन लेने के बाद उन्होंने अपने पिता से साइकिल से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की बात कही.
लंदन में एलेरा कैपिटल के सीइओ ने प्रदीप राणा को साइकिल और एक लैपटॉप भेंट किया है । प्रदीप अब तक उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, उड़ीसा, केरल, कर्नाटक सहित कई राज्यों का सफर तय कर चुके हैं.प्रदीप वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा कर अपने माता पिता और देश का नाम रोशन करना चाहते है.प्रदीप पुणे के संतोष होली का रिकार्ड तोड़ना चाहते है.जानकारी के लिए बता दें कि संतोष ने वर्ष 2015-16 में 110 दिन में 15,222 किलोमीटर का सफर तय किया था. जिनका रिकॉर्ड अबतक कोई तोड़ नहीं पाया है ।